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भारतीय रेलवे में लगेज (सामान) भेजने की पूरी प्रक्रिया

भारतीय रेलवे केवल यात्रा के लिए ही नहीं, बल्कि सामान और पार्सल भेजने का एक किफायती और भरोसेमंद माध्यम भी है। बहुत से लोग यह नहीं जानते कि रेलवे के लगेज कोच (SLR या पार्सल वैन) के माध्यम से आप अपना सामान एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन भेज सकते हैं – वो भी सुरक्षित और कम खर्च में।

आज हम आपको बताएँगे कि रेलवे में लगेज बुकिंग और ट्रांसफर प्रक्रिया कैसे काम करती है।

क्या है Luggage Bogie या SLR कोच?

हर यात्री ट्रेन में सबसे आगे और पीछे एक विशेष कोच होता है जिसे SLR (Seating cum Luggage Rake) कहते हैं।
यह दो भागों में बंटा होता है:

रेलवे से सामान कैसे भेजें?

रेलवे से सामान भेजने के दो तरीके हैं:


1. अपने साथ यात्रा करते समय लगेज भेजना

अगर आप ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं और आपके पास 40-50 किलो से ज्यादा सामान है, तो आप उस सामान को लगेज बोगी के माध्यम से भेज सकते हैं:

प्रक्रिया:


2. Parcel के रूप में सामान भेजना (बिना यात्रा किए)

अगर आप खुद यात्रा नहीं कर रहे, लेकिन किसी और को सामान भेजना है (जैसे व्यापारियों का सामान), तो आप Parcel Office के माध्यम से सामान बुक कर सकते हैं।

प्रक्रिया:


चार्ज कितना लगता है?

रेलवे में सामान भेजने का किराया बहुत ही कम होता है और यह निम्न बातों पर निर्भर करता है:

आमतौर पर ₹5 से ₹10 प्रति किलो का खर्च आता है।


जरूरी कागजात:


क्या नहीं भेज सकते?

रेलवे द्वारा कुछ चीज़ों पर रोक होती है, जैसे:


खास सलाह:

हमेशा सामान की ठीक से पैकिंग करें
रसीद को संभाल कर रखें
डिलीवरी स्टेशन पर समय पर पहुँचें


निष्कर्ष:

भारतीय रेलवे के लगेज व पार्सल सिस्टम का सही उपयोग करके आप अपना सामान आसानी से और सुरक्षित तरीके से एक जगह से दूसरी जगह भेज सकते हैं। यह सेवा खासकर व्यापारियों, छात्रों और आम यात्रियों के लिए बहुत फायदेमंद है।

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