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डी. गुकेश की ऐतिहासिक जीत: नॉर्वे शतरंज 2025 में भारत की चमक norway chess

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भारत के उभरते हुए शतरंज सितारे डी. गुकेश ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारत शतरंज की दुनिया में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। नॉर्वे के प्रतिष्ठित “Norway Chess 2025” टूर्नामेंट में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए खिताब अपने नाम किया। यह टूर्नामेंट न केवल उनके करियर के लिए एक मील का पत्थर रहा, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण बन गया।


गुकेश की जीत का सफर

डी. गुकेश ने टूर्नामेंट की शुरुआत से ही आक्रामक और संतुलित खेल का प्रदर्शन किया। उन्होंने विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन, हिकारू नाकामुरा, और अन्य शीर्ष ग्रैंडमास्टर्स को कड़ी टक्कर दी। उनका आत्मविश्वास, रणनीतिक सोच और समय प्रबंधन देखने लायक था।

गुकेश ने कुल मिलाकर 9 राउंड में से कई में जीत दर्ज की और कुछ राउंड ड्रॉ किए, लेकिन उनका सबसे खास मुकाबला कार्लसन के खिलाफ रहा, जिसे उन्होंने क्लासिकल मैच में ड्रॉ के बाद आर्मगेडन में हराया। इस जीत ने न केवल अंक तालिका में उन्हें ऊपर पहुंचाया, बल्कि मनोवैज्ञानिक बढ़त भी दी।

इस जीत के साथ गुकेश न केवल नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट के सबसे युवा विजेता बने, बल्कि यह संकेत भी दे दिया कि वह विश्व चैंपियन बनने की दौड़ में गंभीर दावेदार हैं।


अन्य भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन

नॉर्वे शतरंज 2025 में भारत से कई खिलाड़ियों ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे:

1. आर. प्रज्ञानानंद

प्रज्ञानानंद ने भी बेहद संतुलित और तकनीकी खेल दिखाया। उन्होंने कार्लसन और नाकामुरा के खिलाफ ड्रॉ हासिल किए और एक मैच में अलिरेजा फिरोजा को हराकर सभी का ध्यान खींचा।

2. विदित गुजराती

विदित का प्रदर्शन इस बार थोड़ा मिश्रित रहा। उन्होंने शुरुआत में कुछ हार का सामना किया, लेकिन अंतिम राउंड्स में उन्होंने वापसी करते हुए दो लगातार जीत दर्ज कीं।

3. कोनेरु हम्पी (महिला वर्ग)

महिला वर्ग में कोनेरु हम्पी ने भारत की ओर से मजबूत प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने शीर्ष महिला ग्रैंडमास्टर्स के खिलाफ खेलते हुए 50% से ऊपर स्कोर किया और महिला वर्ग की शीर्ष तीन में जगह बनाई।


भारत की ओवरऑल रैंकिंग और प्रभाव

नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट, जो विश्व स्तर पर एक प्रतिष्ठित आमंत्रण आधारित प्रतियोगिता है, उसमें भारत का समग्र प्रदर्शन प्रभावशाली रहा। जहां पहले यह मंच यूरोपीय और अमेरिकी खिलाड़ियों का गढ़ माना जाता था, वहीं अब भारतीय खिलाड़ी इस मंच पर न केवल हिस्सा ले रहे हैं, बल्कि विजेता भी बन रहे हैं।

डी. गुकेश की जीत भारत के शतरंज इतिहास में एक नया अध्याय है, और यह देशभर के युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा देगी।


निष्कर्ष

भारत के लिए नॉर्वे शतरंज 2025 बेहद खास रहा। डी. गुकेश की ऐतिहासिक जीत ने यह दिखा दिया कि भारत अब सिर्फ “उभरता हुआ देश” नहीं, बल्कि “शतरंज महाशक्ति” बन चुका है। यह जीत युवा खिलाड़ियों को नई दिशा देगी और भारत के शतरंज भविष्य को और भी उज्ज्वल बनाएगी।

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